Day 2 – Isaiah 41:10 (मत डर, मैं तेरे संग हूँ) | 30-Day Bible Study Plan

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Day 2 – Isaiah 41:10 (मत डर, मैं तेरे संग हूँ)

30-दिन का बाइबल अध्ययन योजना

दिन 2
"मत डर, क्योंकि मैं तेरे संग हूँ; इधर-उधर मत ताक, क्योंकि मैं तेरा परमेश्वर हूँ; मैं तुझे दृढ़ करूँगा और तेरी सहायता करूँगा; अपने धर्ममय दाहिने हाथ से मैं तुझे सम्हालूँगा।" — यशायाह 41:10

Isaiah 41:10 का अर्थ

यह वचन उन सबसे शक्तिशाली वचनों में से एक है, जिसे पढ़कर हर विश्वासी को हिम्मत और शांति मिलती है। परमेश्वर यहाँ अपने लोगों से कह रहे हैं कि चाहे कैसी भी परिस्थिति हो, डरने की आवश्यकता नहीं है, क्योंकि उनकी उपस्थिति हमेशा हमारे साथ है।

इस पद में परमेश्वर तीन महान वायदे देते हैं:

  • मैं तेरे संग हूँ: यानी तुम अकेले नहीं हो।
  • मैं तुझे दृढ़ करूँगा और सहायता करूँगा: जब कमजोरी लगेगी, परमेश्वर ही हमारी ताकत होंगे।
  • मैं तुझे सम्हालूँगा: कठिन परिस्थितियों में भी परमेश्वर हमें थामे रहेंगे।

आज के जीवन में Isaiah 41:10 का प्रयोग

आज की दुनिया में लोग डर और चिंता से भरे रहते हैं — भविष्य का डर, नौकरी का डर, बीमारी का डर। इस वचन से हमें यह सीख मिलती है कि हम अपनी सारी चिंताओं को प्रभु को सौंप दें।

अगर आप किसी समस्या में हैं, तो याद रखिए: परमेश्वर ने वादा किया है कि वह आपको "सम्हालेगा"। वह केवल दूर से देखने वाला परमेश्वर नहीं है, बल्कि हर पल आपके संग चलने वाला चरवाहा है।

व्यावहारिक सुझाव: जब भी आप डर महसूस करें, इस वचन को जोर से बोलें और परमेश्वर के वादों पर ध्यान केंद्रित करें।

प्रैक्टिकल एप्लिकेशन

  1. जब भी डर महसूस करें, यह वचन जोर से पढ़ें और आत्मा में शांति पाएं।
  2. अपने जीवन के डर और चिंताओं की सूची बनाकर प्रार्थना में प्रभु को सौंप दें।
  3. किसी ज़रूरतमंद को यह वचन साझा करें, ताकि उसका भी विश्वास मज़बूत हो।

प्रार्थना

"हे प्रभु, जब मैं डरता हूँ तो मुझे याद दिलाओ कि आप मेरे संग हैं। मेरी ताकत बनो, मेरी सहायता करो और मुझे अपनी धर्ममय दाहिनी भुजा से थामे रहो। आमीन।"

FAQs – Isaiah 41:10 (मत डर, मैं तेरे संग हूँ)

यह वचन हमें क्या सिखाता है?

यह वचन हमें सिखाता है कि डरने की आवश्यकता नहीं है, क्योंकि परमेश्वर हमेशा हमारे साथ हैं। वह हमें दृढ़ करेगा, सहायता करेगा और अपने धर्ममय दाहिने हाथ से सम्हालेगा। यह वचन हमें विश्वास और साहस के साथ जीवन जीने की शिक्षा देता है।

इस वचन का प्रयोग कब करना चाहिए?

जब भी आप निराश, डरे हुए या कमजोर महसूस करें, इस वचन को याद करें। विशेष रूप से जब आप किसी चुनौती का सामना कर रहे हों, जीवन में अनिश्चितता हो, या आपको लगे कि आप अकेले हैं, तब इस वचन पर ध्यान दें।

क्या यह वचन केवल इस्राएल के लिए था?

नहीं, परमेश्वर का वचन आज भी हर उस विश्वासी के लिए है जो प्रभु पर भरोसा करता है। हालांकि यह वचन मूल रूप से इस्राएल के लिए था, परमेश्वर का चरित्र नहीं बदला है और वह आज भी अपने सभी बच्चों के साथ वैसा ही व्यवहार करता है।

निष्कर्ष

Day 2 के लिए यह वचन हमें आश्वासन देता है कि हमें किसी भी प्रकार से डरने की आवश्यकता नहीं है। परमेश्वर का वादा है कि वह हमें दृढ़ करेगा, सहायता करेगा और अपनी धर्ममय दाहिनी भुजा से संभालेगा।

याद रखें: डर एक भावना है, लेकिन विश्वास एक निर्णय है। हर दिन चुनें कि आप डर पर नहीं बल्कि परमेश्वर के वादों पर विश्वास करेंगे।